
दिव्येंदु मोहन गोस्वामी
बीरभूम पश्चिम बंगाल
इस बार शायद केंद्र को अपना मुंह खोलना चाहिए. आए दिन बांग्लादेश का कट्टर उग्रवादी समूह विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों वाले मंदिरों को नष्ट करता रहता है।
अगर हमने अभी भी अपना मुंह नहीं खोला तो जान लीजिए भविष्य में भारत में भाजपा का अस्तित्व रहेगा या नहीं, इसमें संदेह है।
क्योंकि ऐसे कई साधु-संत हैं जो पहले से ही इस घटना पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, लेकिन वे इसे मौखिक रूप से नहीं कह रहे हैं, बल्कि अपने इशारों से बहुत कुछ समझा रहे हैं।
जिस तरह से भारत ने चिन्मय प्रभु को जेल भेजे जाने पर उनका मुंह बंद कर दिया था. बांग्लादेशी सरकार चिन्मय कृष्णा की मौजूदा स्थिति के बारे में किसी को जानकारी नहीं देना चाहती. इससे जनता में गुस्सा भी बढ़ रहा है. खास तौर पर सनातन धर्म से जुड़े लोगों के मन में एक सवाल भारत की ओर से होने वाली द्विपक्षीय वार्ता को लेकर है।
इसमें कहा गया कि मंदिर पर किसी अन्य तरीके से हमला नहीं किया जा सकता.लेकिन उस उम्मीद पर पानी फेरते हुए बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय के कट्टरपंथी चरमपंथियों ने कल रात मंदिर में घुसकर सदियों पहले के राधा गोविंद के मंदिर समेत दो अन्य मंदिरों को तोड़ दिया और प्रणामी पेटी के पैसे और यहां तक कि हाथ-मुंह में भी आग लगा दी. मूर्तियाँ. इससे यह साबित होता है कि मोहम्मद यूनुस, जो वर्तमान में प्रधान मंत्री हैं, अपने देश के लोगों को संभालने में विफल रहे हैं